तार सप्तक
संकलनकर्ता एवं सम्पादक, प्रयोगवाद के प्रवर्तक अज्ञेय है। प्रयोगवाद कवि स्वयं को राहो के अन्वेषी मानते है।(किसी एक स्कूल के नहीं है, किसी मंजिल पर पहुँचे हुए नहीं है, अभी राही हैं – राही नहीं, राहों के अन्वेषी- अज्ञेय) तार सप्तक का प्रकाशन सन् 1943 में हुआ था। प्रयोगवाद का आरम्भ भी तार सप्तक के प्रकाशन से माना गया। दूसरा सप्तक(1951) के आते ही प्रयोगवाद नई कविता में विकसित हुई। तार सप्तक में सात कवियों की रचनाएँ हैं। तार सप्तक के सात कवि 1943 के प्रयोगी थे और उनका काव्य-संकलन आधुनिक हिन्दी काव्य के विकास में एक मील का पत्थर है।
1. तार सप्तक(1943 ई.)
अज्ञेय,मुक्तिबोध,गिरिजाकुमार माथुर, प्रभाकर माचवे, भारत भूषण अग्रवाल, नैमिचंद्र जैन, रामविलास शर्मा
2. दूसरा सप्तक(1951 ई.)
रघुवीर सहाय, धर्मवीर भारती, नरेश मेहता, शमशेर बहादुर सिंह, भवानीप्रसाद मिश्र, शकुंतला माथुर, हरिनारायण व्यास
3. तीसरा सप्तक(1959 ई.)
कीर्ति चौधरी, प्रयाग नारायण त्रिपाठी, केदारनाथ सिंह, कुँवरनारायण, विजयदेव नारायण साही, सर्वेश्वरदयाल सक्सेना, मदन वात्स्यायन
4. चौथा सप्तक(1979 ई.) राजेंद्र किशोर, श्रीराम वर्मा, सुमनराजे, नंदकिशोर आचार्य, स्वदेश भारती, रामकुमार कुंभज, अवधेश कुमार