गोस्वामी तुलसीदास TULSIDAS
लगभग चार सौ वर्ष पहले तीर्थ शूकरखेत (आज सोरां, जिला-एटा, उ0प्र0) में संत नरहरिदास का आश्रम था। वे विद्वान उदार और परम भक्त थे। वे अपने आश्रम में लोगों को बड़े भक्ति-भाव से रामकथा सुनाया करते थे। एक दिन जब नरहरिदास कथा सुना रहे थे, उन्होंने देखा भक्तों की भीड़ में एक बालक तन्मयता से कथा सुन रहा है। बालक की ध्यान मुद्रा और तेजस्विता देख उन्हें उसके महान आत्मा होने की अनुभूति हुई। उनकी यह अनुभूति बाद में सत्य सिद्ध भी हुई। यह बालक कोई और नहीं तुलसीदास थैं। जिन्होंने अप्रतिम महाकाव्य ’रामचरित मानस’ की रचना की।
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7 months ago 00:48:28 1
अब तक का सबसे कम समय मे गाया गया सम्पूर्ण सुन्दरकाण्ड पाठ ! Sampurn SunderKand #Ambeybhakti
8 months ago 00:04:18 1
Hanuman Chalisa Super Fast | Hanuman Chalisa | श्री हनुमान चालीसा
1 year ago 00:07:16 1
गोस्वामी तुलसीदास | TULSIDAS
2 years ago 02:25:04 1
हनुमान चालीसा: HANUMAN CHALISA With Lyrics | Jai Hanuman Gyan Gun Sagar By Arijit Chakraborty Bhajan
4 years ago 00:16:15 2
गोस्वामी तुलसीदास भी थे पहलवान। #brajbhushandubey.