शतपथ ब्राह्मण में नारी/ Sathapath Brahman me Naari

वैदिक काल में ‘परिवार’ नामक संस्था अत्यधिक विकसित एवं पल्लवित थी। इस काल में आर्यजन परिवार के रूप में एक इकाई बनकर रहा करते थे । उस समय सम्मिलित कुटुम्ब प्रथा थी। ऋग्वेद में विव&
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